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साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 21

शाम 7:30

विजय की गिरफ्तारी की खबर अभी चारो तरफ कोहराम मचाये थी, और मिर्ची तो कुछ मंत्री पद पर बैठे लोगों भी लग रही थी, और अमन के लिए भी पुलिस तरह तरह के जाल बिछा रही थी। 
  उधर रोशनी अपनी माँ को समझाते समझाते थक चुकी थी कि दीपक को कुछ भी नही हुआ, लेकिन वैशाली मानने को तैयार नही थी, उसे यही लग रहा था कि शायद रोशनी को ही सदमा लगा है। क्योकि रोशनी कभी बर्दाश्त नही कर पायेगी अगर दीपक को कुछ हो गया तो।

"माँ वो दीपक नही था, फ़ोटो दीपक की भले आ रही है लेकिन दीपक जिंदा है, प्लीज यकीन करो मेरा। " रोशनी ने कहा।

वैशाली मन ही मन सोचने लगी- "क्या यकीन करूँ, मुझे पता है नाम भले राहुल राहुल चल रहा लेकिन दीपक ही राहुल है, उसने जब से अनुराग से बदला लिया तब से वो हर रोज नाम बदलता है"

"क्या सोचने लगे,मुझे मिला था दीपक, बल्कि जब ये खबर आ रही थी हम दोनो साथ ही थे, वो आता ही होगा अभी" रोशनी ने कहा।

वैशाली को रोशनी पर भरोसा नही था, लेकिन अब उसे समझाकर रुलाना जरूरी नही समझते हुए वैशाली ने उसकी बात मान ली और अपने आंसू पोछते हुए कहा- "चल, ठीक है, अगर ऐसी बात है तो खुशी की बात है, भगवान करे कि ये दीपक की साजिश हो जो न्यूज पर अफवाहें है। और दीपक सुरक्षित हो"

(दरवाजे की घंटी बजती है)

"ये देखो, दीपक आ गया"  रोशनी ने कहा और भागकर दरवाजा खोलने के लिए चली गयी।

दरवाज़ा खोला तो देखा दीपक हाथ मे एक बैग लेकर आया था। बहुत जल्दबाजी में था शायद उसे कोई खतरा महसूस हो रहा था।

अंदर की तरफ आते हुए जल्दी से आँटी के पास आया और रोशनी को भी वहीं बुलाया।

" क्या हुआ दीपक, तुम इतने टेंशन में क्यो हो।" रोशनी ने कहा

वैशाली तो बस दंग आंखों से दीपक को देखे जा रही थी।उसे अपने आंखों पर भरोसा ही नही हुआ, क्योकि आज की सनसनी से साबित था कि अमन ढिल्लों ने एक कत्ल को अंजाम दिया है और विजय गिरफ्तार हो चुका है जिसने अमन को सुपारी दी थी।

"रोशनी, और आँटी जी, हमे जल्द ही यहां से कहीं दूर जाना पड़ेगा, क्योकि अमन और उसके साथीयों ने ठान लिया है कि अगर जेल जाना ही है तो दीपक के साथ साथ रोशनी और उसके परिवार को भी खत्म कर देंगे, मुझे उन्होंने खत्म कर दिया, मेरा मतलब उन्हें ऐसा लगता है कि उन्होंने दीपक को मार दिया है औरब बस रोशनी और आँटी बच गयी है। इससे पहले वो हमें नुकसान पहुंचाए हम सबको यहां से कहीं दूर जाना होगा।"

"लेकिन हमारा घर, हमारा ऑफिस, ऐसे कैसे किसी के डर से हम ये सब छोड़ देंगे" रोशनी ने कहा।

"हमेशा के लिए थोड़ी पगली, बस कुछ दिनों के लिए, क्योकि मुझमें अब हीम्मत नही की एक दो कत्ल और कार सकूँ, पहले सुमित फिर अनुराग, और उसके एक साथी, अब किस किस से लड़ता रहूँगा, मुझे जेल जाने का शौक नही है। हम अमन के गिरफ्तार होने तक कहीं दूर चले जायेंगे, तुम जल्दी से अपना जरूरी सामान समेटो।

******

थोड़ी देर में रोशनी,वैशाली और दीपक तीनो गाड़ी में थे और पुलिस से नजर चुराते हुए शहर से बाहर की तरफ निकल पड़े।

"वैसे दीपक, तुमने ये सब किया कैसे, मेरा मतलब अमन और विजय को जेल डालने के लिए तुमने जो साजिश रची है इसका कोई तोड़ पुलिस के पास भी नही है, हां बस वो वरुण भैया फंस गए है, डॉक्टर साहब अपने। लेकिन फेमस भी हो रहे है" रोशनी ने कहा।

"डॉक्टर साहब ने बहुत साथ दिया, मेरा पक्का दोस्त है, उसने तो विजय और अमन के घर पर उन दोनों की वीडियो शूट भी कर दिया था। अमन बड़े प्यार से किडनैप करके ले गया उनको, अब अमन को क्या पता कि वो जानबूझकर किडनैप होने आया है। उसके बाद झूठ बोल दिया कि उसे पहले किडनैप किया था किसी ने,  यहां पर अमन और विजय पिघल गए और उन्होंने अपनी चाल चली और डॉक्टर के सामने सारा राज उगल लिया की उन्हें किसी भी हालत में मुझे मारना ही है। और डॉक्टर से कहा कि वो जाकर पुलिस में हमारे खिलाफ कम्प्लेन करें।
डॉक्टर साहब ने उसी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाकर उन्ही की वीडियो पुलिस को दे दी,"  दीपक बोला।

"लेकिन राहुल, यानी कि तुम तो तब भी सबकी नजर में मर चुके थे, दोबारा एक्टिंग करने की क्या जरूरत थी"

"तब मरा नही गायब था।"दीपक ने इतना ही कहा और मन ही मन सोचने लगा- "तुम सब भी राहुल और दीपक को एक ही समझते रहे हो, तुम नही जानते कि राहुल और दीपक अलग अलग थे, जिस्म एक जैसा लेकिन जान अलग अलग थे, और मुझे बहुत अफसोस रहेगा कि मैं एक जान को बचा नही सका। और ये अफसोस जिंदगी भर रहेगा, क्या सोचकर आये थे हम तुमसे मिलने की आज हमशक्ल वाला गेम खेलेंगे, लेकिन मुझे क्या पता कि किस्मत ने पहले से गेम प्लान किया था।

"एक सवाल मेरा भी है दीपक से…. बेटा एक बात बताओ अमन ने गोली किसी पर चलाई ही नही तो उसने फोन पर झूठ क्यो कहा कि उसने पीठ पर गोली चला दी है" वैशाली बोली।

"आप लोग मुझे जिंदा देखकर खुश नही है क्या?? बात बात पर मेरे जिंदा होने पर सवाल उठा रहे हो।" दीपक ने कहा।

वैशाली झेंप गयी "मेरा मतलब वो नही था"

दीपक हंसने लगा और बोला- "मैं भी मजाक कर रहा था, लेकिन अगर इस सवाल का जवाब दूँ तो आप अगला कोई सवाल तो नही करोगे ना"

"नही" वैशाली बोली।

"आप उसे मेरी साजिश ही मान सकते हो?, शायद अमन भी कठपुतली बनकर रह गया था, बाकी आपके सभी सवालो का सही जवाब तो अमन ही देगा, अगर मिल गया तो" दीपक ने कहा।

"लेकिन हम जा कहाँ रहे है?" रोशनी ने एक सवाल किया।

"शायद कहीं दूर…." दीपक ने कहा।

"कितनी दूर, कुछ तो आईडिया होगा" दीपक ने कहा।

"आईडिया ही तो नही है, बस थोड़ा सा दूर और जाकर देखते है उधर मेरा एक दोस्त रहता है, वही जाकर रुकेंगे"  दीपक बोला।

"दोस्त….अब इस एरिया में कौन सा दोस्त पैदा हो गया तुम्हारा" रोशनी बोली।

"वैसे मेरे दोस्तों की लिस्ट तुमने कब चेक की" छेड़ते हुए दीपक ने कहा।

"अभी ज्यादा बन रे हो मम्मा के सामने, तुम ही तो कहते थे मेरी जिंदगी में बस तू है और कोई नही, मेरा कोई दोस्त नही है, तुम ही कहते थे, याद करो जरा" रोशनी ने कहा।

"वो सब छोड़ो, तुम सर्जरी कब करवा रही हो?" दीपक ने कहा।

"कौन सी सर्जरी…. " रोशनी ने कहा।

"आँटी देखो कैसे एक्टिंग कर रही है ये जानबूझकर…. ये जानती है मैं क्या कहना चाहता हूँ" दीपक ने कहा।

"दीपक प्लीज…. मैंने तुम्हें बताया है कारण…. मैं अभी  प्लास्टिक सर्जरी नही करवाना चाहती" रोशनी ने कहा।

रोशनी एक बार फिर मायूश सी हो गयी।  और साइड विंडो से शीशे में खुद को देखने लगी।

दीपक ने भी एक बार उसकी तरफ देखा और सोचने लगा को शायद उसे ऐसी बात नही करनी चाहिए थी।

"मेरी बात को दिल पर मत लो रोशनी, मैं बस ये चाहता हूँ कि अपनी जिद छोड़ कर एक ट्राय कर लो बस…. आगे जिंदगी बहुत लंबी है, उम्र के साथ मुश्किले बढ़ती है,अभी कोई बात ही नही है" दीपक ने कहा।

"अब क्या फायदा, सर्जरी से जला हुआ छिप सकता है,नए चेहरे में ढलकर। पुराना चेहरा तो वापस नही मिल जाएगा" रोशनी ने कहा।

"लेकिन कम से कम तुम्हारे अंदर का कॉन्फिडेंस तो लौट आएगा, तुम ये समझ लेना कि तुम्हारा दूसरा जन्म हो गया गया है, नया चेहरा आ गया"  दीपक समझाने की कोशिश कर रहा था।

"आँटी आप समझाओ ना इसे" दीपक ने कहा।

"मेरे बस का नही है तुम ही समझाओ, मैं हर चुकी हूं" वैशाली ने कहा।

"अरे समझाना बुझाना छोड़ो,अभी जाना कहाँ है ये बोलो"  रोशनी ने कहा।

" बस दो किलोमीटर और" कहते हुए दीपक ने लेफ्ट टर्न लिया और गाड़ी तेजी से भगा दी।


कहानी जारी है।


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6 Comments

Fiza Tanvi

27-Aug-2021 11:44 PM

Nice💐💐

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Sahil writer

14-Aug-2021 10:20 AM

Nice

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Adeeba Riyaz

13-Aug-2021 11:45 AM

Umdah

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santosh bhatt sonu

13-Aug-2021 11:46 AM

शुक्रिया

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